Monetary Policy Meeting: नमस्कार दोस्तों, हम सबको पता है, हर 2 महीने में आरबीआई (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग होती है और बहुत सारे इंर्पोटेंट डिसीजंस (Important Decisions) भी दिए जाते हैं। इसके अलावा मॉनेटरी पॉलिसी में लोन प्रोसेसिंग (Processing) होता है, उसको लेकर कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं। जिसकी वजह से जो कंज्यूमर्स (Consumers) है, उनका काफी फायदा होगा और ट्रांसपेरेंसी आएगी। मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में कौन-कौन सी बड़ी बातें कही गई है, रेपो रेट क्या होता है, वह सारी चीजें हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं।
रेपो रेट क्या होता है?
बहुत से लोग हैं जिनको अभी तक पता नहीं है कि, रेपो रेट क्या होता है? अगर इसके बारे में जानकारी चाहिए तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया गया है। तो सबसे पहले बता दे कि, जिस तरह आप अपने जरूर को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेते हैं और उसके बाद इसी लोन को पूरे ब्याज के साथ चुकाते हैं, इसी तरह पब्लिक और कमर्शियल बैंकों को भी अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोन लेने की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के तरफ से ब्याज दर पर बैंकों को लोन प्रदान किया जाता है। अगर रेपो रेट कम होता है तो आम आदमी को राहत मिल जाती है लेकिन रेपो रेट बढ़ता है तो आम आदमी के लिए काफी मुश्किलें बढ़ती है। तो अब आप समझ ही गए होंगे कि, रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट का बाजार पर क्या असर पड़ता है?
जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने आखिरकार रेपो रेट इस पर एक ब्रेक लगा दिया ही है। कई लोगों के मन में आते हैं कि, रेपो रेट का बाजार पर क्या असर पड़ता है? अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में हुई मॉनिटरिंग पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा रेपो रेट 6.50% तक पर बना रहेगा। अगर रेपो रेट बढ़ता है तो सभी तरह के लोन जैसे कि, होम लोन और पर्सनल लोन काफी महंगे हो जाते हैं और इसी के साथ EMI भी बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा शेयर बाजार पर भी काफी असर पड़ता है। अगर रेपो रेट में बदलाव होते हैं, तो इसका सीधा असर शेयर मार्केट और खासतौर पर बैंकिंग और इसी के साथ फाइनेंशियल स्टॉक पर पड़ता है। मान लीजिए अगर रेपो रेट में वृद्धि होती है, तो कंपनी अपने खर्चे में कटौती करने के बारे में प्लानिंग करने लगती है और इससे कंपनियों के योजनाओं को जोर का झटका लगता है। इसका सीधा असर उनके कैश फ्लोर पर पड़ता है, जिसके कारण कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट देखने को हमें मिलती है।
मॉनेटरी पॉलिसी में क्या हुआ है?
सबसे पहले यह देखते हैं कि, वास्तविक हुआ क्या है? देखिए आरबीआई (RBI) की जो मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी है उनका डिसिजन (Decision) सुबह आया है और बताया गया है कि, यहां पर जो रेपो रेट है, उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। आपको पता होगा रेपो रेट वह रेट होता है, जिस ब्याज दर पर जो बैंक है वह आरबीआई (Reserve Bank Of India) से उधार लेते है। अगर रेपो रेट बढ़ेगा तो, जो बैंक आपके उधार देते हैं जैसे की, होम लोन हो गया, कार लोन हो गया जितने भी ऋण (Loans) होते हैं वह भी महंगे हो जाते हैं।
लेकिन, हम सबको पता ही है कि, यह जो रेपो रेट का फैसला (Decision) होता है वह आरबीआई (Reserve Bank Of India) की मॉनेटरी पॉलिसी की जो कमेटी होती है, उनके द्वारा लिया जाता है। इसके अलावा आपको बता दे की, इसमें कुल मिलाकर 6 मेंबर्स होते हैं। जिसमें, आरबीआई गवर्नर तो होते हैं। इसके बाद इसी के साथ-साथ आरबीआई (RBI) के 2 मेंबर्स (Members) होते हैं और गवर्नमेंट के द्वारा नॉमिनेटेड (Nominated) 3 मेंबर्स (Members) होते हैं, तो यह 6 लोग मिलकर वोटिंग (Voting) के माध्यम से डिसाइड (Decide)करते है। मान लीजिए 3:3 हो जाता है, तो आखिरी फैसला (Final Decision) होता है वह आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) का होता है।
इस वाले फैसले में 5 लोग फेवर (Favor) में थे कि, जो रेट है उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाए। तो इसकी वजह से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और साथ ही साथ आपको पता होना चाहिए कि, पिछले एक साल से 6 बार से जब भी मीटिंग (Meeting) हुई है, तो यहां पर रेपो रेट को 6.5% ही रखा गया है। वास्तविक अगर आप देखेंगे तो 2022 से लेकर मतलब 2022 में रेपो रेट बढ़ने की शुरुआत हुई थी। क्योंकि,महंगाई दर (Inflation) ज्यादा हो रहा था और बढ़ते-बढ़ते अब यह 6.5% पर आ गया है। लेकिन, आखिरी समय (Last Time) जब चेंज किया गया था वह फरवरी 2023 था और तब से लेकर अभी तक आप देख सकते हैं। इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
उसके बाद लोन की बात करें तो यहां पर एक चीज आपको समझनी है कि, जो रेपो रेट को इतना ही रखा गया है, इसका मुख्य कारण यह है कि, अभी भी महंगाई दर (Inflation) थोड़ा सा हायर साइड (Higher Side) में हैं। क्योंकि, जो सोचा जा रहा था कि, महंगाई दर कम होगा और रेपो रेट शायद कम हो सकता है। इसके अलावा आगे आने वाले चार-पांच महीने के बाद जो रेपो रेट है, उसको वापस से कम किया जाए ताकि, लोग जो अपना ईएमआई (EMI) दे रहे हैं, इंटरेस्ट (Intrest) दे रहे हैं, उसमें थोड़ी सी गिरावट आ जाएं।
लेकिन, वह तब तक नहीं हो सकेगा जब तक हम इन्फ्लेशन (Inflation) पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं पाले थे। अगर आप देखोगे जो मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (Monetary Policy Committee) होती है। उनका मुख्य मकसद यह होता है कि, जो हमारा इन्फ्लेशन है कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) वह 4% से 6% के बीच में रहे। लेकिन यह 4 से 6% में आप देखोगे तो यह ऊपर की साइड में रहा है। 5.5% या फिर 5.7% और आप देख सकते हैं, जो वर्तमान वित्तीय (Current Financial) है। साल 2022-23 का इसमें महंगाई दर 5.4% रहने के अनुसार है।
लेकिन जो अगला फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) है, यह गिरकर शायद 4.5% हो सकता है। अगर यह होता है, तब तो रेपो रेट में भी गिरावट देखने को मिलेगी। लेकिन, वह समय बताएगा और इसके अलावा अगर हम जीडीपी (GDP) की बात करें, जीडीपी पर क्या हो रहा है। इसको लेकर तो हम आपको बता दे की 2024-25 जो अगला फाइनेंशियल ईयर।(Financial Year) होगा, उसमें हमारी जीडीपी 7% हो सकती है। ऐसा आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने अनुमान लगाया है।
साल 2024-25 का जो प्रेडिक्शन है वह 7% किया गया है और जो अभी वर्तमान में फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) है। इसको आरबीआई (RBI) ने बढ़ाकर 7% से 7.3% कर दिया है। क्योंकि, एक अच्छी बात है और अगर हम बात करें जीडीपी में सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट (Growth Rate) इस समय भारत की देखने को मिल रही है। इसके अलावा यहां पर और भी कुछ चीज बोली गई है। जैसे यह बोला गया है कि, प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) के अंदर जो इन्वेस्टमेंट साइकिल (Investment Cycle) है वह धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है।
आरबीआई ने लोन पर क्या किया?
विशेष रूप से जो रिटेल लोन (Retail Loan) जैसे की, गाड़ी का लोन, होम लोन हो गया, ज्यादातर पर्सनल लोन (Personal Loan) से लेकर हर एक जो लोन आप लेते हो और साथ ही साथ जो बिज़नेस (Business) हैं, एमएसएमई वाले माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइज यह लोग जो लोन लेते हैं, उनके लिए बहुत बड़ी राहत की बात है की, RBI ने रेपो रेट बढ़ोतरी नहीं की है।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से यह जानना है कि, रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कुछ दिन पहले लोन के नियम में काफी बड़े बदलाव किए हैं, इससे जुड़ी हुई संपूर्ण जानकारी हमने इस आर्टिकल के माध्यम से जानी है। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आता है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।