RBI Gold Loan New Rules 2025: जानिए नए नियम क्या कहते हैं

RBI Gold Loan New Rules 2025: सोने की कीमतें बढ़ने के साथ-साथ गोल्ड लोन की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। RBI यानी भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2025 के लिए गोल्ड लोन के नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। अगर आप भी गोल्ड लोन लेने की सोच रहे हैं, तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए क्योंकि यहां हम विस्तार से बताएंगे कि नए नियम क्या हैं, कैसे लागू होंगे और आपके लिए इसका क्या मतलब है।

RBI Gold Loan New Rules 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में gold loan से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रारूप जारी किया है, जिसमें ऋणदाताओं की प्रक्रियाओं और उधारकर्ताओं की पात्रता से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्वर्ण ऋण प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और उत्तरदायित्वपूर्ण बनाना है।

1. Gold Loan New Policy

RBI का प्रस्ताव है कि Gold Loan संबंधी दिशा-निर्देश अब प्रत्येक ऋणदाता की ऋण नीति और जोखिम प्रबंधन रणनीति का अनिवार्य अंग बनें। यह कदम वित्तीय संस्थानों को Gold loan के संचालन में और अधिक सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित करेगा।

  • बुलेट रीपेमेंट Gold Loan, जो उपभोग के लिए लिए जाते हैं, उनकी अवधि अधिकतम 12 महीने निर्धारित की गई है।
  • सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) एक उधारकर्ता को अधिकतम ₹5 लाख तक ही ऐसा ऋण दे सकेंगे।
  • सोने के आभूषणों व सिक्कों के बदले लिए गए ऋण के लिए गिरवी रखे गए सोने का कुल वजन प्रति व्यक्ति 1 किलोग्राम से अधिक नहीं हो सकता।
  • गिरवी सिक्कों का वजन 50 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • केवल बैंक द्वारा बेचे गए, कम से कम 22 कैरेट शुद्धता वाले विशेष रूप से ढले हुए सिक्के ही संपार्श्विक के रूप में मान्य होंगे।

2. सीमा निर्धारण और क्षेत्रीय नियंत्रण

नई नीतियों के तहत:

  • किसी एक उधारकर्ता को दिया गया स्वर्ण ऋण एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं हो सकता।
  • इसके अतिरिक्त, भौगोलिक रूप से एक क्षेत्र विशेष में अत्यधिक ऋण केंद्रित होने से रोकने हेतु क्षेत्रीय सीमाएं भी तय की जाएंगी।

3. शुद्धता परीक्षण और उपयोग की निगरानी

  • ऋणदाताओं को अब स्पष्ट रूप से सोने की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच करनी होगी,
  • तथा ऋण का वास्तविक उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है, इसकी निगरानी हेतु एक सुदृढ़ प्रणाली विकसित करनी होगी।

4. क्रेडिट योग्यता और जिम्मेदार लोन 

सभी लोन अब उधारकर्ता की पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करके ही दिए जाएंगे। इसके लिए ऋणदाता को पूर्ण क्रेडिट मूल्यांकन करना होगा और वित्तीय पृष्ठभूमि की उचित जांच करनी होगी।

5. नियमित रिपोर्टिंग और दस्तावेज़ीकरण

यह भी आवश्यक किया गया है कि लोन का उपयोग कहां और कैसे हो रहा है, इसकी जानकारी समय-समय पर एकत्र की जाए और उसका लेखा-जोखा बनाए रखा जाए।

6. लोन नवीनीकरण की शर्तें

  • गोल्ड लोन को नवीनीकृत या उसमें टॉप-अप तभी संभव होगा जब मौजूदा ऋण को मानक श्रेणी में रखा गया हो,
  • और ऋण-से-मूल्य (Loan-to-Value) अनुपात तय सीमा में हो।

इसे भी पढ़े –

Gold Loan: गोल्ड लोन कैसे मिलता है? आवेदन प्रक्रिया 2024

PNB Gold Loan kya hai और कैसे लें 2024(Punjab National Bank)

Gold Loan पर लगे नए प्रतिबंध

1. प्राथमिक धातुओं के बदले ऋण पर रोक

ऋणदाताओं को अब प्राथमिक सोना, चांदी या उनसे जुड़ी वित्तीय परिसंपत्तियों के आधार पर अग्रिम धनराशि देने की अनुमति नहीं होगी।

2. एक साथ दो उद्देश्य वाले ऋण नहीं

उधारकर्ता अब एक साथ उपभोग और आय सृजन दोनों उद्देश्यों के लिए स्वर्ण ऋण नहीं ले सकते।

3. विवादित स्वर्ण या पुनः गिरवी पर सख्ती

ऐसा कोई सोना जो विवादित स्वामित्व वाला हो या पहले से गिरवी रखा गया हो, उसे अब संपार्श्विक के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

निष्कर्ष

RBI का यह नया प्रारूप (RBI Gold Loan New Rules 2025) भारत में Gold Loan संस्कृति को एक नई दिशा देने की पहल है। यदि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह न केवल ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पूरे बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी सुदृढ़ करेगा।

Leave a comment