Changes in the process of linking bank account details with UAN Number the new order of EPFO

Changes in the process of linking bank account details with UAN Number the new order of EPFO: EPFO के नए आदेश के अनुसार UAN के साथ बैंक अकाउंट डिटेल्स जोड़ने की प्रक्रिया में बदलाव किए गए है। अब बैंक अकाउंट की डिटेल्स का वेरिफिकेशन ऑटोमैटिक रूप से NPCI (National Payments Corporation of India) द्वारा किया जाएगा। एम्प्लॉयर अप्रूवल की आवश्यकता नहीं रहेगी। आइये जानते है पूरी खबर क्या है अथवा इसके साथ ही इससे जुड़े अन्य जानकारी को भी जानेंगे। 

EPFO क्या है?

EPFO का अर्थ है  “Employees’ Provident Fund Organisation” यह भारत सरकार का एक प्रमुख संगठन है, जो कर्मचारियों के भविष्य निधि (Provident Fund) से संबंधित मामलों का संचालन करता है। यह कर्मचारियों के सेवाकाल के बाद के वित्तीय सुरक्षा के लिए काम करता है।

UAN की भूमिका

UAN (Universal Account Number) एक स्थायी पहचान संख्या होती है जो कर्मचारी के सभी PF खातों को जोड़ती है। ये नंबर हर कर्मचारी के लिए यूनिक होता है और नौकरी बदलने पर भी यह नंबर वही रहता है। इसकी मदद से आप अपना PF बैलेंस देख सकते हैं, अथवा क्लेम कर सकते हैं, और अन्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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EPFO का नया आदेश – क्या बदला है?

नए आदेश के अनुसार अब बैंक अकाउंट की डिटेल्स का वेरिफिकेशन ऑटोमैटिक रूप से NPCI (National Payments Corporation of India) द्वारा किया जाएगा। एम्प्लॉयर अप्रूवल की आवश्यकता नहीं रहेगी।

ऑटोमैटिक वेरिफिकेशन और NPCI का काम: अब PF में दी गई बैंक जानकारी NPCI से क्रॉस चेक होगी। अगर बैंक, नाम और IFSC कोड सही हैं, तो डिटेल्स अपने आप वेरिफाई हो जाएंगी।

नया प्रोसेस कैसे काम करता है?

आइये जानते है स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:-

  1. EPFO पोर्टल में लॉग इन करें
  2. “Manage” सेक्शन में जाकर “KYC” चुनें
  3. बैंक डिटेल्स भरें
  4. NPCI ऑटोमैटिकली डिटेल्स वेरिफाई करेगा
  5. Success होने पर KYC स्टेटस “Verified” दिखेगा। 

पहले की प्रक्रिया (पुरानी प्रणाली)

पहले सदस्य को अपने बैंक की जानकारी स्वयं प्रोविडेंट फंड पोर्टल पर अपडेट करनी होती थी, जिसके बाद उसे एम्प्लॉयर से अप्रूवल लेना पड़ता था।

एम्प्लॉयर का वेरिफिकेशन: बैंक डिटेल्स के सत्यापन के लिए एम्प्लॉयर को डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से अप्रूवल देना होता था, जिससे प्रक्रिया को पूरा होने मे थोड़ा अधिक समय लग जाता था।

बैंक अकाउंट डिटेल्स को UAN से लिंक करना क्यों ज़रूरी है

  1. EPF क्लेम्स में तेजी: बैंक अकाउंट डिटेल्स लिंक होने से आपका PF क्लेम सीधा आपके बैंक में ट्रांसफर होता है। इससे मैन्युअल वेरिफिकेशन की जरूरत कम हो जाती है और प्रक्रिया तेज हो जाती है।
  2. डिजिटल वेरिफिकेशन की सुविधा: UAN से बैंक लिंकिंग करने से ई-केवाईसी प्रक्रिया आसान हो जाती है, जिससे आधार और बैंक दोनों का वेरिफिकेशन डिजिटल तरीके से हो जाता है।

सदस्य और एम्प्लॉयर की जिम्मेदारियां

नए आदेश के अनुसार अब सदस्य को सिर्फ सही जानकारी भरनी है। एम्प्लॉयर को डिजिटल अप्रूवल की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनके लिए भी यह प्रक्रिया आसान हो गई है।

जो कर्मचारी अभी-अभी PF सिस्टम में जुड़े हैं, उन्हें शुरुआत में ही सही बैंक डिटेल्स देना जरूरी है।

अगर बैंक डिटेल्स में गड़बड़ी हो तो क्या करें?

  1. अपडेट करने की प्रक्रिया: गलत डिटेल्स को अपडेट करने के लिए पोर्टल में जाकर “KYC” सेक्शन में नई जानकारी भरें और सेव करें। NPCI से नए सिरे से वेरिफिकेशन होगा।
  2. हेल्पलाइन और पोर्टल सहायता: EPFO की आधिकारिक वेबसाइट और UMANG ऐप से आप स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं और किसी भी समस्या के लिए EPFO की हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

EPFO पोर्टल और UMANG ऐप का उपयोग

  • EPFO पोर्टल और UMANG ऐप दोनों ही माध्यम से आप अपने KYC स्टेटस और बैंक डिटेल्स देख सकते हैं।
  • अब क्लेम करना मोबाइल से भी संभव है, जिससे सुविधा बढ़ गई है।

FAQs

क्या बैंक डिटेल्स जोड़ने के लिए एम्प्लॉयर की अनुमति अब जरूरी नहीं है?

नहीं, अब NPCI द्वारा ऑटोमैटिक वेरिफिकेशन किया जाएगा।

क्या पुरानी बैंक डिटेल्स भी नए सिस्टम से वेरिफाई होंगी?

हाँ, सभी पुराने रिकॉर्ड भी नए सिस्टम से दोबारा वेरिफाई किए जाएंगे।

बैंक वेरिफिकेशन में कितना समय लगता है?

सामान्यतः 2-3 कार्यदिवस लगते हैं, लेकिन कई बार यह तत्काल भी हो सकता है।

अगर बैंक अकाउंट बंद हो गया हो तो क्या करें?

आपको नई बैंक डिटेल्स अपडेट करनी होंगी और NPCI वेरिफिकेशन कराना होगा।

क्या UMANG ऐप से भी क्लेम कर सकते हैं?

हाँ, UMANG ऐप से क्लेम करना संभव है और काफी आसान भी।

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